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Wah Re Shrinivasan ….

satyendra
satyendra
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एक कविता BCCI प्रेजिडेंट Mr श्रीनिवासन पर

वह रे कुर्सी की लोलुपता. वह रे सुस्त प्रशासन
छोड़ क्यों नहीं रहे सिंघासन, वह रे श्रीनिवासन

नैतिकता शर्मा रही है, मानवता घबडा रही है
अब देश की जनता भी आपसे उकता रही है

महोदय आपको मीडिया कहाँ उकसा रही है
कब दोगे इस्तीफा यही तो पूंछती आ रही है

ईमानदारी की तलाश, सीमेंट की तरह कठोर ससुर में
महोदय जागो अब सब मांग रहे इस्तीफा एक सुर में

मत करो देश को बदनाम, खेल के साथ करो वफ़ा
बन जाओगे लतीफा, महोदय क्या तभी दोगे इस्तीफा

पहुंचा सलोखो के पीछे सट्टेबाज गुरु दामाद
ससुर की कुर्सी कितने दिन और रहेगी आबाद इ

सत्येन्द्र सिंह कुशवाहा
एकता नगर अलीगढ

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